आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "gulshan-e-yaad"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "gulshan-e-yaad"
ग़ज़ल
ख़िज़ाँ का दौर हो या वो बहारों का ज़माना हो
कोई मौसम हो ऐ 'गुलशन' हमारी बात होती है
गुलशन बरेलवी
ग़ज़ल
याद में अच्छे दिनों की क्यों हुए 'गुलशन' उदास
कौन सा वो फूल है जो खिल के मुरझाया नहीं
गुलशन बरेलवी
ग़ज़ल
दुश्मन-ए-जाँ उस को कहता है तो कोई बेवफ़ा
जाने क्यों 'गुलशन' मुझे वो जान-ए-जाँ अच्छा लगा
गुलशन बरेलवी
ग़ज़ल
जब भी मिरे आँसू बहते हैं और तेरा दामन जलता है
देख के अपना हुस्न-ए-तअल्लुक़ हर अहल-ए-गुलशन जलता है
शाहजहाँ बानो याद
ग़ज़ल
अहल-ए-वफ़ा से तर्क-ए-तअ'ल्लुक़ कर लो पर इक बात कहें
कल तुम इन को याद करोगे कल तुम इन्हें पुकारोगे