आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "haTaane"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "haTaane"
ग़ज़ल
लगा कर सब लहू आख़िर हुए दाख़िल शहीदों में
मैं अपनी लाश रस्ते से हटाने तक से डरता हूँ
फ़रीद परबती
ग़ज़ल
रहा जो फूलों से पर्दे हटाने की हिमायत में
उसी ग़म-ख़्वार को सब तालिब-ए-दीदार कह देंगे