आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "halqo.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "halqo.n"
ग़ज़ल
गिर्दाब के ख़ूनीं हल्क़ों से जब खेल चुकी है नाव भी
पतवार बदलना क्या मा'नी? मल्लाहों को समझाओ भी
क़तील शिफ़ाई
ग़ज़ल
हल्क़ों से उस की ज़ुल्फ़ के रुख़्सार है अयाँ
'ताबाँ' जथे में देखो हैं क्या माह-ताबियाँ
ताबाँ अब्दुल हई
ग़ज़ल
मुग़ीसुद्दीन फ़रीदी
ग़ज़ल
मातम की आवाज़ उठाई ज़ंजीरों के हल्क़ों ने
हाथ बंधे थे गर्दन से पर गिर्या शाम-ता-मदयन था
अहमद जहाँगीर
ग़ज़ल
ये कोशिश थी कि बाहम दाम को ही ले उड़ें लेकिन
तने हल्क़ों को इतने में कुतर डाला परिंदों ने