आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "himayat ali shayar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "himayat ali shayar"
ग़ज़ल
चाँद ने आज जब इक नाम लिया आख़िर-ए-शब
दिल ने ख़्वाबों से बहुत काम लिया आख़िर-ए-शब
हिमायत अली शाएर
ग़ज़ल
हो चुकी अब शाइ'री लफ़्ज़ों का दफ़्तर बाँध लो
तंग हो जाए ज़मीं तो अपना बिस्तर बाँध लो