आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "hoshiyaar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "hoshiyaar"
ग़ज़ल
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
ये गधा जो अपनी ग़फ़्लत से है बेवक़ूफ़ इतना
जो ये ख़ुद को जान जाता बड़ा होशियार होता
कैफ़ अहमद सिद्दीकी
ग़ज़ल
मैं चुप खड़ा था तअल्लुक़ में इख़्तिसार जो था
उसी ने बात बनाई वो होशियार जो था
राजेन्द्र मनचंदा बानी
ग़ज़ल
शोख़-ओ-शादाब-ओ-हसीं सादा-ओ-पुरकार आँखें
मस्त-ओ-सरशार-ओ-जवाँ बे-ख़ुद-ओ-होशियार आँखें
अली सरदार जाफ़री
ग़ज़ल
पहले भी ख़ुश-चश्मों में हम चौकन्ना से रहते थे
तेरी सोई आँखों ने तो और हमें होशियार किया
जाँ निसार अख़्तर
ग़ज़ल
बड़े होशियार हैं वो जिन को सब ग़ाफ़िल समझते हैं
नज़र पहचानते हैं वो मिज़ाज-ए-दिल समझते हैं