आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ilaaj-e-gardish-e-lail-o-nahaar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ilaaj-e-gardish-e-lail-o-nahaar"
ग़ज़ल
किन मंज़िलों में गर्दिश-ए-लैल-ओ-नहार है
उन का करम भी मेरी तबीअ'त पे बार है
माया खन्ना राजे बरेलवी
ग़ज़ल
शिकायत-ए-ग़म-ए-लैल-ओ-नहार कैसे करूँ
मैं ख़ुद को अपनी निगाहों में ख़ार कैसे करूँ