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ग़ज़ल
मैं पस-ए-तर्क-ए-मोहब्बत किसी मुश्किल में नहीं
दिल भी पहलू में नहीं दर्द भी अब दिल में नहीं
नूह नारवी
ग़ज़ल
शमीम जयपुरी
ग़ज़ल
तर्क-ए-मोहब्बत अपनी ख़ता हो ऐसा भी हो सकता है
वो अब भी पाबंद-ए-वफ़ा हो ऐसा भी हो सकता है
मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद
ग़ज़ल
कोशिश-ए-तर्क-ए-तअ'ल्लुक़ ने रुलाया है बहुत
भूलना चाहा जब उस को याद आया है बहुत
ख़लील फ़रहत करंजवी
ग़ज़ल
किस दिल से हम इरादा-ए-तर्क-ए-जुनूँ करें
मुमकिन नहीं कि ख़्वाहिश-ए-सहरा का ख़ूँ करें
एजाज़ अासिफ़
ग़ज़ल
ने'मत-ए-तर्क-ए-तलब तर्क-ए-तमन्ना माँगे
देने वाले से जो माँगे भी तो क्या माँगे