आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "iqbal aur ishq e rasool ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "iqbal aur ishq e rasool ebooks"
ग़ज़ल
ये बरमला जो मैं इक़बाल-ए-इश्क़ करता हूँ
अजब नहीं कि मुझे इश्क़ में सज़ा हो जाए
मज़हर हुसैन सय्यद
ग़ज़ल
मसलख़-ए-इश्क़ में खिंचती है ख़ुश-इक़बाल की खाल
भेड़ बकरी से है कम-क़द्र बद-आमाल की खाल
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
ग़ज़ल
तरीक़-ए-इश्क़ में मुझ को कोई कामिल नहीं मिलता
गए फ़रहाद ओ मजनूँ अब किसी से दिल नहीं मिलता
अकबर इलाहाबादी
ग़ज़ल
आए हम 'ग़ालिब'-ओ-'इक़बाल' के नग़्मात के बा'द
'मुसहफ़'-ए-इश्क़-ओ-जुनूँ हुस्न की आयात के बा'द
अली सरदार जाफ़री
ग़ज़ल
हमें मिला है बुज़ुर्गों से 'इश्क़-ए-आल-ए-रसूल
हमारे ख़ून में शामिल है सूफियाना कलाम
शाहबाज़ नय्यर
ग़ज़ल
हमें मिला है बुज़ुर्गों से 'इश्क़-ए-आल-ए-रसूल
हमारे ख़ून में शामिल है सूफियाना कलाम
शाहबाज़ नय्यर
ग़ज़ल
बज़्म-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ में 'अकबर' की अफ़्सुर्दा-दिली
दाद के लाएक़ नहीं बे-दाद के क़ाबिल नहीं
अकबर हैदरी कश्मीरी
ग़ज़ल
मुझ को है 'इक़बाल' इश्क़-ए-मुस्तफ़ा से तर्बियत
है उसी नाते मिरी मिदहत-सराई भी जुदा
इक़बाल सलाहुद्दीन
ग़ज़ल
नज़र-ए-लुत्फ़ न की तू ने मिरे रोने पर
तिफ़्ल-ए-अश्क ऐ मह-ए-ख़ूबी न ख़ुश-इक़बाल हुआ
वज़ीर अली सबा लखनवी
ग़ज़ल
शाख़-ए-जज़्बात पे नग़्मात का मंज़र ख़ामोश
ग़म की आग़ोश में अरमाँ का कबूतर ख़ामोश