आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "jaabir"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "jaabir"
ग़ज़ल
कौन सच बोलता है ज़ालिम-ओ-जाबिर के ख़िलाफ़
काम दुनिया में ये बे-ख़ौफ़-ओ-ख़तर हम ने किया
मोईद रहबर लखनवी
ग़ज़ल
अदू-ए-दीन-ओ-ईमाँ दुश्मन-ए-अम्न-ओ-अमाँ निकले
तिरे पैकाँ बड़े जाबिर बड़े ना-मेहरबाँ निकले
जितेन्द्र मोहन सिन्हा रहबर
ग़ज़ल
मैं सब्र का ख़ूगर हूँ है नाम मिरा 'साबिर'
जाबिर है तो पाया है पत्थर का जिगर तू ने
फ़ज़ल हुसैन साबिर
ग़ज़ल
सब अगर महसूर थे ख़ुद में तो किस का था हिसार
सब अगर मजबूर थे ख़ुद से तो जाबिर कौन था
नूर मोहम्मद यास
ग़ज़ल
एक इक कर के सभी पुर्ज़े उसी के हो गए
अब बदन में हूँ मैं तन्हा हुस्न-ए-जाबिर के ख़िलाफ़