आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "jalegaa"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "jalegaa"
ग़ज़ल
जलेगा दिल तुम्हें बज़्म-ए-अदू में देख कर मेरा
धुआँ बन बन के अरमाँ महफ़िल-ए-दुश्मन से निकलेंगे
मुज़्तर ख़ैराबादी
ग़ज़ल
दबे शोलों को भड़काया कि उन का आशियाँ सुलगे
ख़बर क्या थी जलेगा जो मिरा अपना ही घर होगा
संदीप कोल नादिम
ग़ज़ल
वतन के जाँ-निसारों को मिलेंगी बेड़ियाँ कब तक
लिया जाएगा आख़िर-कार हम से इम्तिहाँ कब तक
तशना आज़मी
ग़ज़ल
जलेगा दिल तो धुआँ उठेगा ये आग ऐसे नहीं बुझेगी
नगर नगर ये ख़बर पहुँचती मगर हवा की अजब दिशा थी