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ग़ज़ल
इक मुद्दत से ख़ुश्क पड़ा है वो झरना अंगड़ाई का
जाने किस ने भर दी है उस पैकर-ए-नग़्मा-साज़ में चुप
अब्बास ताबिश
ग़ज़ल
सारे रिश्ते जेठ-दुपहरी गर्म हवा आतिश अंगारे
झरना दरिया झील समुंदर भीनी सी पुर्वाई अम्माँ
आलोक श्रीवास्तव
ग़ज़ल
बदन की वादियों में गुम कहीं हो जाती है धड़कन
कभी पर्वत से दिल के याद का जब झरना गिरता है
संदीप ठाकुर
ग़ज़ल
प्यार अजब तलवार है जिस पर हम दोनों के नाम लिखे हैं
टहनी टहनी कलियाँ आँसू पत्थर पत्थर झरना आँसू
बशीर बद्र
ग़ज़ल
आरज़ू है हमें सहरा की सो हैं भी सैराब
ख़ुश्क हो जाएँ हम इक पल में जो झरना चाहें