आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ju.dtaa"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ju.dtaa"
ग़ज़ल
क्यूँ दिलासा दे रहे हो मुंतशिर करने के ब'अद
टूट कर फिर शाख़ से जुड़ता है इक पत्ता कहीं
भारत भूषण पन्त
ग़ज़ल
अनीस अब्र
ग़ज़ल
या तो वो एक ख़्वाब था टूट के जुड़ता ही रहा
या फिर ख़लल निगाह का आँख के तार में मिला
जावेद शाहीन
ग़ज़ल
दिल टूट के जुड़ता नहीं शीशा हो तो जुड़ जाए
है फ़र्क़ यही सोख़्तनी साख़्तनी में
आग़ा शाएर क़ज़लबाश
ग़ज़ल
अब किसी मूज़ी को जुड़ता हूँ फिर एक भंग घोटना
हो मदद हक़ हो मदद हो हो मदद हाहा मदद
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
क्यूँ सताता है 'फ़रोग़'-ए-मुब्तला को इस क़दर
दिल नहीं जुड़ता नहीं जुड़ता सितमगर टूट कर