आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ka.ngnii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ka.ngnii"
ग़ज़ल
ये ख़याल सारे हैं आरज़ी ये गुलाब सारे हैं काग़ज़ी
गुल-ए-आरज़ू की जो बास थे वही लोग मुझ से बिछड़ गए
ऐतबार साजिद
ग़ज़ल
आमिर अमीर
ग़ज़ल
नूर का तन है नूर के कपड़े उस पर क्या ज़ेवर की चमक है
छल्ले कंगन इक्के जोशन माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह
अमीर मीनाई
ग़ज़ल
कंघे से घनेरी ज़ुल्फ़ों में यूँ लहरें उठती जाती हैं
जैसे कि धुँदलका सावन का बढ़ता जाए बढ़ता जाए
नुशूर वाहिदी
ग़ज़ल
ये बातों बातों में मुझ को बता गए 'तनवीर'
कल उस के हाथ का कंगन घुमा रहा था मैं
मोहसिन आफ़ताब केलापुरी
ग़ज़ल
खिंची कंघी गुँधी चोटी जमी पट्टी लगा काजल
कमाँ-अबरू नज़र जादू निगह हर इक दुलारी है
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
मैं हूँ पतंग-ए-काग़ज़ी डोर है उस के हाथ में
चाहा इधर घटा दिया चाहा उधर बढ़ा दिया