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ग़ज़ल
मोहब्बत ढेर पर कचरे के हर इक जा बिलकती है
कि तोहमत बाँटने वाले वफ़ाएँ छीन लेते हैं
हुमैरा गुल तिश्ना
ग़ज़ल
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
अमीर ख़ुसरो
ग़ज़ल
मुश्किल हैं अगर हालात वहाँ दिल बेच आएँ जाँ दे आएँ
दिल वालो कूचा-ए-जानाँ में क्या ऐसे भी हालात नहीं