आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "khalvat-e-dil-e-viiraa.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "khalvat-e-dil-e-viiraa.n"
ग़ज़ल
याद-ए-माज़ी के दिए यूँ दिल-ए-वीराँ में जलें
जिस तरह शमएँ किसी गोर-ए-ग़रीबाँ में जलें
सय्यद मोहम्मद अहमद नक़वी
ग़ज़ल
है ख़ल्वत-ए-दिल-ए-वीराँ ही मंज़िल-ए-महबूब
ये ख़ल्वत-ए-दिल-ए-वीराँ नहीं तो कुछ भी नहीं
रविश सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
किस का चमकता चेहरा लाएँ किस सूरज से माँगें धूप
घोर अँधेरा छा जाता है ख़ल्वत-ए-दिल में शाम हुए
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
शरीक-ए-हाल-ए-दिल-ए-बे-क़रार आज भी है
किसी की याद मिरी ग़म-गुसार आज भी है
अलीम अख़्तर मुज़फ़्फ़र नगरी
ग़ज़ल
तस्कीन-दिल-ओ-जाँ है अगर वो रुख़-ए-ज़ेबा
उस क़ामत-ए-ज़ेबा में है इक हश्र छुपा भी
हाफ़िज़ लुधियानवी
ग़ज़ल
इलाज-ए-दर्द-ए-दिल-ए-सोगवार हो न सका
वो ग़म-नवाज़ रहा ग़म-गुसार हो न सका
सूफ़ी ग़ुलाम मुस्ताफ़ा तबस्सुम
ग़ज़ल
असर-ए-आह-ए-दिल-ए-ज़ार की अफ़्वाहें हैं
या'नी मुझ पर करम यार की अफ़्वाहें हैं