आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kheme"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "kheme"
ग़ज़ल
गिरते ख़ेमे जलती तनाबें आग का दरिया ख़ून की नहर
ऐसे मुनज़्ज़म मंसूबों को दूँ कैसे आफ़ात के नाम
मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद
ग़ज़ल
कहाँ तक रोऊँ उस के खे़मे के पीछे क़यामत है
मिरी क़िस्मत में या-रब क्या न थी दीवार पत्थर की