आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "lakht e jigar part 001 bashiruddin ahmad dehlvi ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "lakht e jigar part 001 bashiruddin ahmad dehlvi ebooks"
ग़ज़ल
मंज़िल-ए-दिल मिली कहाँ ख़त्म-ए-सफ़र के बाद भी
रहगुज़र एक और थी राहगुज़र के बाद भी
अली जवाद ज़ैदी
ग़ज़ल
किसी से ख़ौफ़ खाते हैं न दब कर बात करते हैं
सदाक़त के पयम्बर जब भी हक़ पर बात करते हैं
ज़हीर अहमद ज़हीर
ग़ज़ल
चराग़ उस ने बुझा भी दिया जला भी दिया
ये मेरी क़ब्र पे मंज़र नया दिखा भी दिया
बशीरुद्दीन अहमद देहलवी
ग़ज़ल
शमीम देहलवी
ग़ज़ल
बशीरुद्दीन अहमद देहलवी
ग़ज़ल
ख़्वाब तो खुलते थे मुझ पर दर कोई खुलता न था
आसमाँ सब खुल चुके थे पर कोई खुलता न था
अहमद इफ़्तिख़ार खटक
ग़ज़ल
ज़ौक़-ए-उल्फ़त अब भी है राहत का अरमाँ अब भी है
दिल परेशाँ रूह तरसाँ चश्म-ए-गिर्यां अब भी है