आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "larza-a.ngez"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "larza-a.ngez"
ग़ज़ल
दर्द हर रंग से अतवार-ए-दुआ माँगे है
लहज़ा लहज़ा मिरे ज़ख़्मों का पता माँगे है
अली ज़हीर रिज़वी लखनवी
ग़ज़ल
सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई
दुनिया की वही रौनक़ दिल की वही तन्हाई
सूफ़ी ग़ुलाम मुस्ताफ़ा तबस्सुम
ग़ज़ल
मेहर-ओ-माह भी लर्ज़ां हैं फ़ज़ा की बाँहों में
अहल-ए-दिल ख़िरामाँ हैं कैसी शाह-राहों में
सुरूर बाराबंकवी
ग़ज़ल
तुझ को आते ही नहीं छुपने के अंदाज़ अभी
मिरे सीने में है लर्ज़ां तिरी आवाज़ अभी
सूफ़ी ग़ुलाम मुस्ताफ़ा तबस्सुम
ग़ज़ल
शजर आँगन का जब सूरज से लर्ज़ां होने लगता था
कोई साया मिरे घर का निगहबाँ होने लगता था
नश्तर ख़ानक़ाही
ग़ज़ल
किस की तस्वीर से आईना डराता है मुझे
कौन ये मुझ सा है आँखें जो दिखाता है मुझे
प्रीतपाल सिंह बेताब
ग़ज़ल
चुने हैं बरसों दयार-ए-फ़िक्र-ओ-नज़र से शीशे
लिपट गए हैं ख़याल के बाम-ओ-दर से शीशे
सय्यद मोहम्मद अहमद नक़वी
ग़ज़ल
बे-वज्ह ये हंगाम-ए-बहाराँ तो नहीं है
कुछ साज़िश-ए-अर्बाब-ए-गुलिस्ताँ तो नहीं है