aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "lobh"
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैंसो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
हम को इन सस्ती ख़ुशियों का लोभ न दोहम ने सोच समझ कर ग़म अपनाया है
कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगेजाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
ये परी-चेहरा लोग कैसे हैंग़म्ज़ा ओ इश्वा ओ अदा क्या है
तेरी जान के दुश्मन हैंलोभ क्रोध माया अभिमान
जाल-साज़ी की कटोरी और दाने लोभ केकह रहे हैं कुछ परिंदे ऐ शिकारी कब तलक
झटक कर दिल से सारे लोभ लालचयहाँ बन-बास में बेहतर रहा हूँ
दरिया में बार बार डुबोता हूँ अपना मुँहतुझ रौशनी के लोभ में चेहरे पे गर्द है
बंदगी हम ने छोड़ दी है 'फ़राज़'क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएँ
कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैंक्या सितम है कि हम लोग मर जाएँगे
फिर कई लोग नज़र से गुज़रेफिर कोई शहर-ए-तरब याद आया
ये कौन लोग हैं मौजूद तेरी महफ़िल मेंजो लालचों से तुझे मुझ को जल के देखते हैं
अब उसे लोग समझते हैं गिरफ़्तार मिरासख़्त नादिम है मुझे दाम में लाने वाला
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने मेंतुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में
सो गए लोग उस हवेली केएक खिड़की मगर खुली है अभी
ऐरे-ग़ैरे लोग भी पढ़ने लगे हैं इन दिनोंआप को औरत नहीं अख़बार होना चाहिए
यहाँ के लोग कब के जा चुके हैंसफ़र जादा-ब-जादा कर लिया क्या
तअ'ज्जुब है कि इश्क़-ओ-आशिक़ी सेअभी कुछ लोग धोका खा रहे हैं
कहाँ आँसुओं की ये सौग़ात होगीनए लोग होंगे नई बात होगी
जब शहर के लोग न रस्ता दें क्यूँ बन में न जा बिसराम करेदीवानों की सी न बात करे तो और करे दीवाना क्या
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