आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "madiina"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "madiina"
ग़ज़ल
ख़ीरा न कर सका मुझे जल्वा-ए-दानिश-ए-फ़रंग
सुर्मा है मेरी आँख का ख़ाक-ए-मदीना-ओ-नजफ़
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
'जलील' उस्ताद का कहना सुनो बाँधो कमर तुम भी
अजब बस्ती मदीना है जहाँ रहमत बरसती है
जलील मानिकपूरी
ग़ज़ल
फिर ठिठुरती रात में फ़ुटपाथ पर होगा ग़रीब
आ गया फिर वो महीना इस लिए बेचैन हूँ