आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "madiraa"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "madiraa"
ग़ज़ल
निर्त पे झूमें भाव पे लहकें मदिरा पी कर बहकें लोग
कौन सुने जो चीख़ें दबी हैं पायल की झंकारों में
इशरत क़ादरी
ग़ज़ल
बीत गया सावन का महीना मौसम ने नज़रें बदलीं
लेकिन इन प्यासी आँखों से अब तक आँसू बहते हैं
हबीब जालिब
ग़ज़ल
क्या जानिए ये क्या खोएगा क्या जानिए ये क्या पाएगा
मंदिर का पुजारी जागता है मस्जिद का नमाज़ी सोता है