आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mala.ng"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "mala.ng"
ग़ज़ल
नंग धड़ंग मलंग तरंग में आएगा जो वही काम करेंगे
कुफ़्र करेंगे जो आया जी जी चाहा तो इस्लाम करेंगे
फ़रहत एहसास
ग़ज़ल
मलंग आपस में कहते थे कि ज़ाहिद कुछ जो बोले तो
इशारा उस को झट सू-ए-नर-अंगुश्त-ए-शिकम कीजे
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
हो बसेरा ख़ाक पर दाइम तिरा मिस्ल-ए-मलंग
जोड़ मत रिश्ता तू अपनी ज़ात का औरंग से