आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mangetar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "mangetar"
ग़ज़ल
सलीम कौसर
ग़ज़ल
अजब ये ज़िंदगी की क़ैद है दुनिया का हर इंसाँ
रिहाई माँगता है और रिहा होने से डरता है
राजेश रेड्डी
ग़ज़ल
तू हमेशा माँगता रहता है क्यूँ ग़म से नजात
ग़म नहीं होंगे तो क्या तेरी ख़ुशी बढ़ जाएगी
भारत भूषण पन्त
ग़ज़ल
माँगता हूँ निगाह से तेरी गुदाज़-ए-सोज़-ए-बर्क़
मुझ को ब-क़द्र-ए-ज़र्फ़-ए-दिल लुत्फ़-ए-ख़लिश मिला नहीं