आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mausam-e-diivaar-o-dar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "mausam-e-diivaar-o-dar"
ग़ज़ल
फ़क़त माल-ओ-ज़र-ए-दीवार-ओ-दर अच्छा नहीं लगता
जहाँ बच्चे नहीं होते वो घर अच्छा नहीं लगता
अब्बास ताबिश
ग़ज़ल
शर्त-ए-दीवार-ओ-दर-ओ-बाम उठा दी है तो क्या
क़ैद फिर क़ैद है ज़ंजीर बढ़ा दी है तो क्या