आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "maza-e-shiir"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "maza-e-shiir"
ग़ज़ल
आले रज़ा रज़ा
ग़ज़ल
मज़ा क्या उस बुत-ए-बे-पीर से दिल के लगाने का
जो ख़ल्वत में हो बुत महफ़िल में हो तस्वीर की सूरत
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
वा'इज़ तू बाग़-ए-हुस्न की इक बार सैर कर
मुमकिन है दिलकशी में हो ख़ुल्द-ए-बरीं शरीक
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
शिकस्त-ए-बे-सुतून-ओ-मौज-ए-जू-ए-शीर शाहिद हैं
नहीं आसान राह-ए-इश्क़ का हमवार हो जाना
शोला करारवी
ग़ज़ल
सहरा में जा के देख कि हर रूद-ए-ख़ुश्क को
हम रंग-ए-जू-ए-शीर बनाती है चाँदनी
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
ग़ज़ल
ज़ेहन में यादों के गुलशन दिल में अज़्म-ए-जू-ए-शीर
इक नया फ़रहाद पाता हूँ जिधर जाता हूँ मैं
अली जवाद ज़ैदी
ग़ज़ल
खाएँ क्यों ग़म गर नहीं बाक़ी निशान-ए-जू-ए-शीर
क्या वो शीरीं रह गई उस का शबिस्ताँ रह गया
सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम
ग़ज़ल
तलाश-ए-जू-ए-शीर आसाँ जो अज़्म-ए-कोहकन भी हो
सुहूलत ढूँडने वालों की मुश्किल बढ़ती जाती है
आरिफ़ नदवी
ग़ज़ल
इक़बाल सुहैल
ग़ज़ल
इक़बाल सुहैल
ग़ज़ल
काट कर रातों के पर्बत अस्र-ए-नौ के तेशा-ज़न
जू-ए-शीर-ओ-चश्मा-ए-नूर-ए-सहर लाते रहे