आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mulko.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "mulko.n"
ग़ज़ल
शाद अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
मुल्कों मुल्कों शहरों शहरों जोगी बन कर घूमा कौन
क़र्या-ब-क़र्या सहरा-ब-सहरा ख़ाक ये किस ने फाँकी है
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
शाम गए ये मंज़र हम ने मुल्कों मुल्कों देखा है
घर लौटें बोझल क़दमों से बुझे हुए अंगारे लोग
अज़रा नक़वी
ग़ज़ल
यही देखा है 'शाहिद' तीसरी दुनिया के मुल्कों में
कि अक्सर क़ौम पतली और लीडर फैट होता है
सरफ़राज़ शाहिद
ग़ज़ल
अजनबी मुल्कों अजनबी लोगों में आ कर मालूम हुआ
देखना सारे ज़ुल्म वतन में लेकिन हिजरत मत करना
क़मर जमील
ग़ज़ल
मुल्कों की फ़िक्र छोड़ के क़ब्ज़ा दिलों पे कर
मिल जाएगा जहान ये तस्ख़ीर के बग़ैर