आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "naGme"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "naGme"
ग़ज़ल
वो जब भी करते हैं इस नुत्क़ ओ लब की बख़िया-गरी
फ़ज़ा में और भी नग़्मे बिखरने लगते हैं
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
शफ़क़ धनक महताब घटाएँ तारे नग़्मे बिजली फूल
इस दामन में क्या क्या कुछ है दामन हाथ में आए तो
अंदलीब शादानी
ग़ज़ल
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
हम अपना ग़म लिए बैठे हैं उस बज़्म-ए-तरब में भी
किसी नग़्मे से अब 'मख़मूर' साज़-ए-दिल नहीं मिलता
मख़मूर देहलवी
ग़ज़ल
नग़्मे से जब फूल खिलेंगे चुनने वाले चुन लेंगे
सुनने वाले सुन लेंगे तू अपनी धुन में गाता जा
हफ़ीज़ जालंधरी
ग़ज़ल
चर्ख़ है नग़्मागर अय्याम हैं नग़्मे 'अख़्तर'
दास्ताँ-गो है ग़म-ए-दहर कहानी हूँ मैं
अख़्तर अंसारी
ग़ज़ल
मेरी मद्धम लय का जादू अब भी बाक़ी है 'सुरूर'
फ़स्ल के नग़्मे गए मौसम की शहनाई गई
आल-ए-अहमद सुरूर
ग़ज़ल
'फ़िराक़'-ए-हम-नवा-ए-'मीर'-ओ-'ग़ालिब' अब नए नग़्मे
वो बज़्म-ए-ज़िंदगी बदली वो रंग-ए-शाइ'री बदला