आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "naukar-chaakar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "naukar-chaakar"
ग़ज़ल
कोई नौकर नहीं रक्खा कोई चाकर नहीं रक्खा
कि हम ने ख़ुद ही अपनी झोंपड़ी झाड़ी बुहारी है
राहिब मैत्रेय
ग़ज़ल
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
मस्त-ए-सहर ओ तौबा-कुनाँ शाम का हूँ मैं
क़ाज़ी के गिरफ़्तार नित ए'लाम का हूँ मैं
मोहम्मद रफ़ी सौदा
ग़ज़ल
तिरे वादे का हर इक को अगर ए'तिबार होता
तो जहाँ में कुछ न होता फ़क़त इंतिज़ार होता
मुंशी नौबत राय नज़र लखनवी
ग़ज़ल
ज़ाब्तों की और क़द्रों की रवानी देखना
फिर हवा में चार-सू इक बद-गुमानी देखना
प्रीतपाल सिंह बेताब
ग़ज़ल
समझें भी दोनों कर रही हैं क्या ये चार पाँच
लौंडी के यार चार हैं बीबी के यार पाँच
शैदा इलाहाबादी
ग़ज़ल
हमारी आँखों में रहता है ख़त्म होता नहीं
जो हम ने वाक़िआ' देखा है ख़त्म होता नहीं