आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "navaasaa"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "navaasaa"
ग़ज़ल
पुरनम इलाहाबादी
ग़ज़ल
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
तरब-आशना-ए-ख़रोश हो तू नवा है महरम-ए-गोश हो
वो सरोद क्या कि छुपा हुआ हो सुकूत-ए-पर्दा-ए-साज़ में
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
नवा-ए-सुब्ह-गाही ने जिगर ख़ूँ कर दिया मेरा
ख़ुदाया जिस ख़ता की ये सज़ा है वो ख़ता क्या है
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
वो नवा-ए-मुज़्महिल क्या न हो जिस में दिल की धड़कन
वो सदा-ए-अहल-ए-दिल क्या जो अवाम तक न पहुँचे
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
किया ख़ाक आतिश-ए-इश्क़ ने दिल-ए-बे-नवा-ए-'सिराज' कूँ
न ख़तर रहा न हज़र रहा मगर एक बे-ख़तरी रही
सिराज औरंगाबादी
ग़ज़ल
शाद अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
नासिर काज़मी
ग़ज़ल
कहाँ मेरे दिल की हसरत, कहाँ मेरी ना-रसाई
कहाँ तेरे गेसुओं का, तिरे दोश पर बिखरना