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ग़ज़ल
ये दुनिया है यहाँ दिल को लगाना किस को आता है
हज़ारों प्यार करते हैं निभाना किस को आता है
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
दरिया पर क़ब्ज़ा था जिस का उस की प्यास अज़ाब
जिस की ढालें चमक रही थीं वही निशाना है