आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "paT-san"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "paT-san"
ग़ज़ल
सर पर सात आकाश ज़मीं पर सात समुंदर बिखरे हैं
आँखें छोटी पड़ जाती हैं इतने मंज़र बिखरे हैं
राहत इंदौरी
ग़ज़ल
इरादों की शिकस्तों पर सना-ख़्वानी से पहचाना
ख़ुदाया मैं ने तुझ को कितनी आसानी से पहचाना
कलीम हैदर शरर
ग़ज़ल
मेरी बातें सुन के पर सब पंछियों के झड़ गए
ग़म की अर्ज़ानी से पत्ते टहनियों के सड़ गए
शहाबुल्लाह शहाब
ग़ज़ल
जब जहाँ में पेट सब का ही है भरती रोटी
मुँह चिढ़ाती रोज़-ओ-शब फिर क्यों मिरा ही रोटी
आदित्य श्रीवास्तव शफ़क़
ग़ज़ल
गुलों पर साफ़ धोका हो गया रंगीं कटोरी का
रग-ए-गुल में जो आलम था तिरी अंगिया की डोरी का