आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "paavegaa"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "paavegaa"
ग़ज़ल
तफ़ह्हुस फ़ाएदा नासेह तदारुक तुझ से क्या होगा
वही पावेगा मेरा दर्द-ए-दिल जिस का लगा होगा
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
रिंद के मशरब पर ऐ ज़ाहिद तबस्सुम मत करे
भेद उस का कुछ न पावेगा तू है मा'नी से दूर
क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी
ग़ज़ल
सिराज औरंगाबादी
ग़ज़ल
मुझ से आशिक़ के तईं मार के क्या पावेगा
मुफ़्त बदनामी तुझे होवेगी पछतावेगा
मिर्ज़ा जवाँ बख़्त जहाँदार
ग़ज़ल
ता'न-ए-बद-ख़्वाहाँ से तू इक-दम न पावेगा क़रार
की जो तेरे दर पे हम ने बे-क़रारी आन कर
मोहम्मद ईसा तन्हा
ग़ज़ल
ये मज़लूम-ए-मोहब्बत दाद-रस हरगिज़ न पावेगा
करे दिल-दाद और फ़रियाद जितना उस का जी चाहे
हसरत अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
तेरे वहशी का अगर ख़ाक उड़ाना है यही
कहीं ढूँडा भी न पावेगा बयाबाँ कल तक
ज़ैनुल आब्दीन ख़ाँ आरिफ़
ग़ज़ल
उसी को कहते हैं कोर बातिन जिसे नहीं हैगा दीद उस का
न पावेगा वो नजात हरगिज़ अगरचे वो इल्म है किताबी
अलीमुल्लाह
ग़ज़ल
ग़फ़लत में सोया अब तिलक फिर होवेगा होश्यार कब
यारी लगाया ख़ल्क़ सूँ पावेगा अपना यार कब
अलीमुल्लाह
ग़ज़ल
तेरे पहलू से जो उठ्ठूँगा तो मुश्किल ये है
सिर्फ़ इक शख़्स को पाऊँगा जिधर जाऊँगा