आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ranjish-e-paiham"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ranjish-e-paiham"
ग़ज़ल
उठी मौज-ए-सबा जुम्बाँ से शाख़-ए-आशियाँ पैहम
चली जाती है गोया कश्ती-ए-बुलबुल समुंदर में
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
अब मैं हूँ और लुत्फ़-ओ-करम के तकल्लुफ़ात
ये क्यूँ हिजाब-ए-रंजिश-ए-बे-जा बना दिया
फ़िराक़ गोरखपुरी
ग़ज़ल
बशर ने ही नहीं समझे रुमूज़-ए-गर्दिश-ए-पैहम
रुमूज़-ए-गर्दिश-ए-पैहम मह-ओ-अख़्तर समझते हैं
कुलदीप गौहर
ग़ज़ल
गए वो दिन कि दिल सरमाया-दार-ए-दर्द-ए-पैहम था
मगर आँखों की अब तक मीर-सामानी नहीं जाती
जिगर मुरादाबादी
ग़ज़ल
अगले लुक़्मों में नहीं क़ंद-ए-मुकर्रर का मज़ा
सख़्त बे-लुत्फ़-ए-हयात-ए-पैहम है हम को