आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "rezagar aslam rahi ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "rezagar aslam rahi ebooks"
ग़ज़ल
काविश-ए-रोज़गार ने उम्र-ए-रवाँ को खा लिया
दश्त-ए-सुकूत ने मिरे ज़मज़मा-ख़्वाँ को खा लिया
तसनीम आबिदी
ग़ज़ल
महशर इनायती
ग़ज़ल
अक़ीदे बुझ रहे हैं शम-ए-जाँ ग़ुल होती जाती है
मगर ज़ौक़-ए-जुनूँ की शोला-सामानी नहीं जाती