आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "satvat"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "satvat"
ग़ज़ल
न आई सतवत-ए-क़ातिल भी माने मेरे नालों को
लिया दाँतों में जो तिनका हुआ रेशा नियस्ताँ का
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
शीरीं की अदाओं पर माइल परवेज़ की सतवत से ख़ाइफ़
जो बन न सके फ़रहाद कभी उन तेशा-ज़नों की याद आई
क़तील शिफ़ाई
ग़ज़ल
जिस में हो सतवत-ए-शाहीन की परवाज़ का रंग
लब-ए-शाइ'र से वो बुलबुल की नवा माँगते हैं
अली सरदार जाफ़री
ग़ज़ल
कमाल सालारपूरी
ग़ज़ल
सतवत-ए-क़स्र-ए-शही धोके में रखता है कि जो
अज़्मत-ए-गुम्बद-ओ-मेहराब से कम वाक़िफ़ है