आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sher ul hind part 002 ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "sher ul hind part 002 ebooks"
ग़ज़ल
गुल भी ख़ुश-तलअ'त है पर ऐ माह तू कुछ और है
बास उस में और कुछ है तुझ में बू कुछ और है
मीर शेर अली अफ़्सोस
ग़ज़ल
सहरा की बे-आब ज़मीं पर एक चमन तय्यार किया
अपने लहू से सींच के हम ने मिट्टी को गुलज़ार किया
शायर लखनवी
ग़ज़ल
ज़मीं पर शोर-ए-महशर रोज़ ओ शब होता ही रहता है
हम अपने गीत गाएँ ये तो सब होता ही रहता है
इरफ़ान सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
दिल पिसा चाहता है जा के हिना पर उस की
ख़िर्मन-ए-हुस्न हुआ चाहता है दाना-ए-इश्क़
आग़ा हज्जू शरफ़
ग़ज़ल
उस की हिना पर वार दे फ़िल-फ़ौर दिल की सल्तनत
प्यारे किसी के हाथ में ता-देर रहता कुछ नहीं
मोहम्मद आज़म
ग़ज़ल
लिक्खूँ वो शे'र-ए-आरिज़-ए-रंगीं की वस्फ़-बीं
तख़्ता चमन का सदक़े हों काग़ज़ की नाव पर