आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "shikve-gile"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "shikve-gile"
ग़ज़ल
कुछ शिकवे-गिले होते कुछ तैश सिवा होता
क़िस्मत में न मिलना था मिलते भी तो क्या होता
ज़हीर देहलवी
ग़ज़ल
सबा अकबराबादी
ग़ज़ल
ज़िंदगानी से हैं जो शिकवे गिले मिट जाएँगे
रहमतें अल्लाह की जब नूर से नहलाएँगी
मोहसिन आफ़ताब केलापुरी
ग़ज़ल
निगह-ए-लुत्फ़ में जादू है तुम्हारी जानाँ
सारे शिकवे-गिले इक पल में भुला जाते हो