आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sir-george-allan-bee"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "sir-george-allan-bee"
ग़ज़ल
शु'ऊर-ए-पर्दा-दारी दर-हक़ीक़त जान रखता है
सर-ए-महफ़िल उन्हें बा-शर्त-ए-ईमाँ कौन देखेगा
बिशन दयाल शाद देहलवी
ग़ज़ल
दिल-ए-बे-क़ैद ने बा-नूर-ए-ईमाँ काफ़िरी की है
हरम में सर झुकाया है बुतों की चाकरी की है
सालिक लखनवी
ग़ज़ल
हुस्न की रंगीनियाँ क्या जल्वा-सामाँ हो गईं
दिल की आँखें सर-ब-सर ऐमन-ब-दामाँ हो गईं
दत्तात्रिया कैफ़ी
ग़ज़ल
हालात की भीगी रात भी है जज़्बात का तेज़ अलाव भी
मैं कौन सी आग में जल जाऊँ ऐ नुक्ता-वरो समझाओ भी