आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "so.nTh"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "so.nTh"
ग़ज़ल
मैं तिरे दर को छोड़ दूँ शर्त-ए-वफ़ा को तोड़ दूँ
सोंंच ख़ुद अपने दिल में तू क्या ये मिरी मजाल है
आनंद नारायण मुल्ला
ग़ज़ल
फ़िर्क़ा-ए-याजूज-ओ-माजूज आ बहम लड़ते हैं जब
वहाँ करे है आशिक़ों की भंग का सोंटा मदद
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
देखना तार-ए-मोहब्बत कि है मुश्किल फिर साँठ
रिश्ता-ए-दोस्ती ऐ 'लुत्फ' कभू टूट गया
मिर्ज़ा अली लुत्फ़
ग़ज़ल
حق سونچہ کر حق کوں لیکھا باقی حکایت ہے غلط
بعضے روش کے دیکھتے ہیں سو نہایت ہے غلط