aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "soch-samajh"
सोच-समझ कर सोच-समझ कर काम करोबदल न जाए जब तक मंज़र काम करो
अपनाओ कोई राहगुज़र सोच समझ करलाज़िम है किया जाए सफ़र सोच समझ कर
उट्ठे तो थे अर्बाब-ए-सितम सोच-समझ केसब मिल गए मिट्टी में भरम सोच-समझ के
सोच समझ कर बातें करलफ़्ज़ों में तहदारी रख
बर्बादी को मंज़र कहिएकहिए सोच समझ कर कहिए
इश्क़ की बाज़ी क्या कहिएसोच समझ कर खाई मात
रात अँधेरी सर पर तूफ़ाँसोच समझ कर क़दम बढ़ाओ
ख़्वाहिश में सर भी जाते हैंसोच समझ कर ख़्वाहिश रखना
हम को इन सस्ती ख़ुशियों का लोभ न दोहम ने सोच समझ कर ग़म अपनाया है
देख-भाल कर ज़हर पिया हैसोच-समझ कर धोके खाए
राह-ए-वफ़ा दुश्वार बहुत हैसोच समझ कर पाँव बढ़ाना
एक ही लफ़्ज़ में दफ़्तर लिखनाख़त उसे सोच समझ कर लिखना
सोच-समझ कर मुझ से मिलमुझ में ऐसा कुछ भी नहीं
सोच समझ सब ताक़ पे रख करप्यार में बच्चों सा मचला कर
देखो आगे सोच समझ कर ही जानाआगे रस्ता बेहद सुकड़ा रहता है
तबाह सोच-समझ कर नहीं हुआ जाताजो दिल लगाते है फ़रज़ाने थोड़ी होते हैं
दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता हैसोच समझ वालों को थोड़ी नादानी दे मौला
सोच समझ कर चट्टानों से उलझा हूँ वर्नाबहती गंगा में हाथों को धो सकता हूँ मैं
क़दम क़दम पे मिलेंगे बहुत से चौराहेउन्हीं में सोच समझ रास्ता तलाश करो
सादगी देख मिरी सोच-समझ कर ज़ालिमअपनी तक़दीर को बेदार समझता हूँ मैं
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