आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sustaa"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "sustaa"
ग़ज़ल
तू यहाँ ज़ेर-ए-उफ़ुक़ चंद घड़ी सुस्ता ले
मैं ज़रा दिन से निमट कर शब-ए-तार! आता हूँ
अहमद नदीम क़ासमी
ग़ज़ल
हम तो कहते थे दम-ए-आख़िर ज़रा सुस्ता न जा
ले, चले हम जान से, मुख़्तार है अब जा न जा
जुरअत क़लंदर बख़्श
ग़ज़ल
थक गए होगे बहुत पुर-पेच थी चाहत की राह
आओ मेरी गोद में सर रख के सुस्ता लो ज़रा
अब्दुल हफ़ीज़ नईमी
ग़ज़ल
आओ इक दो पल सुस्ता लें माज़ी की दीवार तले
सेज भी है नौरस कलियों की बरखा भी अँगारों की