आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "tauhiin-e-jazbaat"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "tauhiin-e-jazbaat"
ग़ज़ल
शाख़-ए-जज़्बात पे नग़्मात का मंज़र ख़ामोश
ग़म की आग़ोश में अरमाँ का कबूतर ख़ामोश
औलाद-ए-रसूल क़ुद्सी
ग़ज़ल
मोहब्बत में ख़िरद की रहबरी देखी नहीं जाती
ये तौहीन-ए-मज़ाक़-ए-आशिक़ी देखी नहीं जाती
अफ़क़र मोहानी
ग़ज़ल
सुना है हश्र में हर आँख उसे बे-पर्दा देखेगी
मुझे डर है न तौहीन-ए-जमाल-ए-यार हो जाए
जिगर मुरादाबादी
ग़ज़ल
मैं डरता हूँ कहीं तौहीन-ए-ज़ब्त-ए-ग़म न हो जाए
ज़बाँ बनने लगी है ख़ामुशी आहिस्ता आहिस्ता
फ़ैज़ी निज़ाम पुरी
ग़ज़ल
किसी को आज तक दैर-ओ-हरम में ढूँढने वाले
कहाँ तक और तौहीन-ए-मज़ाक़-ए-जुस्तुजू होगी