आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "tulte"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "tulte"
ग़ज़ल
वही हम थे कभी जो रात दिन फूलों में तुलते थे
वही हम हैं कि तुर्बत चार फूलों को तरसती है
बेदम शाह वारसी
ग़ज़ल
झूट दग़ा, नफ़रत और रिश्वत ज़ेहनों के नीलाम हुए हैं
और तराज़ू में सोने के तुलते हैं ईमान न पूछ
नवाब अहसन
ग़ज़ल
तुलते हैं जिस तराज़ू में सीम-ओ-ज़र ओ गुहर
क्या ज़ुल्म है दिलों को भी तौलें उसी से हम
जमील मज़हरी
ग़ज़ल
जावेद अख़्तर
ग़ज़ल
फ़ना बुलंदशहरी
ग़ज़ल
शाम से पहले वो मस्त अपनी उड़ानों में रहा
जिस के हाथों में थे टूटे हुए पर शाम के बा'द
फ़रहत अब्बास शाह
ग़ज़ल
मिरे अशआ'र ऐ 'इक़बाल' क्यूँ प्यारे न हों मुझ को
मिरे टूटे हुए दिल के ये दर्द-अंगेज़ नाले हैं