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ग़ज़ल
जिस शय पर वो उँगली रख दे उस को वो दिलवानी है
उस की ख़ुशियाँ सब से अव्वल सस्ता महँगा एक तरफ़
वरुन आनन्द
ग़ज़ल
यूँ अपनी प्यास की ख़ुद ही कहानी लिख रहे थे हम
सुलगती रेत पे उँगली से पानी लिख रहे थे हम
वरुन आनन्द
ग़ज़ल
उँगली पे गिन रहा हूँ सभी दोस्तों के नाम
लेकिन तुम्हारे नाम पे अहद गिन रहा हूँ मैं