आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ummiid-vaar-e-rahmat-e-parvardigaar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ummiid-vaar-e-rahmat-e-parvardigaar"
ग़ज़ल
क़यामत है जो ऐसे पर दिल-ए-उम्मीद-वार आए
जिसे वादे से नफ़रत हो जिसे मिलने से आर आए
बेख़ुद देहलवी
ग़ज़ल
हम अपने ख़ल्क़ की दुनिया सँवार कर 'ख़ुशतर'
हुसूल-ए-रहमत-ए-पर्वरदिगार कर लेंगे