आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "vaquuf-e-mad.h-o-zam"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "vaquuf-e-mad.h-o-zam"
ग़ज़ल
शरह-ए-फ़िराक़ मदह-ए-लब-ए-मुश्कबू करें
ग़ुर्बत-कदे में किस से तिरी गुफ़्तुगू करें
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
लाज़िम हमें है क़त-ए-नज़र मदह-ओ-ज़म से अब
तहसीन-ए-इत्तिफ़ाक़ है नफ़रीन-ए-इख़्तिलाफ़
साहिर देहल्वी
ग़ज़ल
समझ अच्छे बुरे की हो तो कुछ कहना भी लाज़िम है
हो यकसाँ जिस की मदह-ओ-ज़म उसे कहिए तो क्या कहिए
हकीम आग़ा जान ऐश
ग़ज़ल
जाने किस रंग में तफ़्सीर करें अहल-ए-हवस
मदह-ए-ज़ुल्फ़-ओ-लब-ओ-रुख़्सार करूँ या न करूँ