आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "vasii-un-nazar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "vasii-un-nazar"
ग़ज़ल
'नज़र' ने ख़ुद भी देखा है जमाल-ए-यार का आलम
जो उन के रू-ब-रू पहुँचा वही कुछ बे-क़रार आया
नज़र बर्नी
ग़ज़ल
रंग-ओ-बू की ताज़गी में है सुकून-ए-दिल 'नज़र'
किस लिए इन मंज़रों को ज़र्द मैं करता चलूँ
अरशद नज़र
ग़ज़ल
यादों के फूल हद्द-ए-नज़र तक खिले हैं फिर
दश्त-ए-फ़िराक़ रश्क-ए-गुलिस्ताँ है इन दिनों
ज़ुहूर नज़र
ग़ज़ल
क्या हुआ जो हुस्न वाले ही 'वसी' से दूर दूर
कब अँधेरों की नज़र में रौशनी का हुस्न है
वसी सीतापुरी
ग़ज़ल
कहें हैं रेख़्ता पंजाब में नज़र-साहिब
ब-क़द्र-ए-ज़ौक़ तुम उन की सुनो हुआ सो हुआ
प्रेम कुमार नज़र
ग़ज़ल
उन की रुख़्सत इक क़यामत थी दम-ए-इज़हार-ए-सुब्ह
शाम तक बचता नज़र आता नहीं बीमार-ए-सुब्ह