आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "zahmat"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "zahmat"
ग़ज़ल
ये दिल बाहर धड़कता है ये आँख अंदर को खुलती है
हम ऐसे मरहले में हैं जहाँ ज़हमत ज़ियादा है
शाहीन अब्बास
ग़ज़ल
लरज़ता है मिरा दिल ज़हमत-ए-मेहर-ए-दरख़्शाँ पर
मैं हूँ वो क़तरा-ए-शबनम कि हो ख़ार-ए-बयाबाँ पर
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
दोस्त क्या ख़ुद को भी पुर्सिश की इजाज़त नहीं दी
दिल को ख़ूँ होने दिया आँख को ज़हमत नहीं दी
इफ़्तिख़ार आरिफ़
ग़ज़ल
आमिर उस्मानी
ग़ज़ल
क्यूँ भला उस को सर-ए-शाम ये ज़हमत दी जाए
क्यूँ न मैं ख़ुद ही ज़रा चल के निशाना हो जाऊँ