आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "zail"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "zail"
ग़ज़ल
अपनी क़ुर्बत के कुछ ऐसे नक़्श दिल पर छोड़ दे
वो भी चाहे तो मोहब्बत का असर ज़ाइल न हो
अनीस देहलवी
ग़ज़ल
इंतिज़ार उस गुल का इस दर्जा किया गुलज़ार में
नूर आख़िर दीदा-ए-नर्गिस का ज़ाइल हो गया
अबुल कलाम आज़ाद
ग़ज़ल
'शकील' उन की जुदाई में है लुत्फ़-ए-ज़िंदगी ज़ाइल
नज़र बे-कैफ़ अफ़्सुर्दा तबीअ'त होती जाती है
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
असर अब और क्या होना था उस जान-ए-तग़ाफ़ुल पर
जो पहले बेश ओ कम था वो भी ज़ाइल होने वाला है
ज़फ़र इक़बाल
ग़ज़ल
मोहब्बत में तिरी अपनी ज़बाँ को सी लिया मैं ने
असर ज़ाइल न हो जाए तिरी जादू-बयानी का
ख़ुर्शीद तलब
ग़ज़ल
नहीं मुमकिन कि हम से ज़ुल्मत-ए-इमकान ज़ाइल हो
छुड़ा दे आह कोई क्यूँ के ज़ंगी से सियाही को
ख़्वाजा मीर दर्द
ग़ज़ल
इक किताब-ए-सद-हुनर तशरीह-ए-ज़ाइल का शिकार
एक मोहमल बात जादू का असर करती हुई
राजेन्द्र मनचंदा बानी
ग़ज़ल
बुझ गया मेरा चराग़-ए-दाग़ वस्ल-ए-यार में
नूर-ए-मह नज़दीकी-ए-ख़ुर्शेद से ज़ाइल हुआ
इमाम बख़्श नासिख़
ग़ज़ल
मुसीबत जिस से ज़ाइल हो रही सामान कर देगा
न घबराना ख़ुदा सब मुश्किलें आसान कर देगा