आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "zau-fishaa.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "zau-fishaa.n"
ग़ज़ल
वक़्त हो रहा है फिर ज़ौ-फ़िशाँ हथेली पर
नक़्श हैं मुक़द्दर की सुर्ख़ियाँ हथेली पर
इम्तियाज़ साग़र
ग़ज़ल
ज़ौ-फ़िशाँ सीने में सोज़-ए-ग़म-ए-पिन्हाँ निकला
दिल का हर दाग़ चराग़-ए-तह-ए-दामाँ निकला
अफ़क़र मोहानी
ग़ज़ल
दिल अपना साफ़ है मानिंद-ए-माह-ए-ज़ौ-फ़िशाँ 'फ़ितरत'
'अयाँ हैं सब पे और रखते नहीं हैं कोई राज़ अपना
अब्दुल अज़ीज़ फ़ितरत
ग़ज़ल
है 'शफ़क़' मेरा तख़ल्लुस याद रखिएगा हुज़ूर
होगी यादों को भी शम्अ'-ए-ज़ौ-फ़िशाँ की जुस्तुजू
ऊषा शफ़क़
ग़ज़ल
चराग़ बन के ज़ुल्मतों को नूर में बदल गया
मिरा वजूद-ए-ज़ौ-फ़िशाँ सहर सहर अज़ाँ अज़ाँ